पीएफ यानी प्रोविडेंट फंड भविष्य निर्वाहन निधी संघटना की तरफ से सदस्यों को पेंशन और अन्य लाभों के साथ जीवन बीमा दिया जाता है।
लगातार १२ महिने अगर वेतन से पी एफ कटता होगा और अगर ऐसे वेतन धारक की आक्समात मृत्यू हो जाती है, तो उसके वारिस को बिना किसी अतिरिक्त राशि या शुल्क भरे क 7 लाख रुपये मिल सकते हैं|
कई नौकर दरों की पीएफ के लिए एक निश्चित राशि काटी जाती हैं और यह राशि भविष्य निधि संगठन में जमा कर दी जाती है।
ऐसे कर्मचारियों को भी भविष्य निधि और कर्मचारी पेंशन योजना के सिवा जीवन बीमा सुरक्षा प्रदान की जाती है लेकिन बहुत से लोग अभी भी परिवर्तनों से अनजान हैं ऐसे सभी कर्मचारियों को employees deposit linked insurance scheme के अनुसार ७ लाख रुपये तक का बीमा कवच मिलता है।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कर्मचारियों को इसके लिए अतिरिक्त या अलग से कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है।
जिनके वेतन से पी एफ कपात किया जाता है और जिनका पी एफ account हैं ऐसे सभी कर्मचारी यों को अपने आप इसका लाभ मिलता है|
उसके लिए संबंधित कर्मचारी का कम से कम बारह महीने तक काम पर रहना आवश्यक है। किसी भी तरह से पीएफ खाते वाले कर्मचारी की मृत्यु के मामले में यानी प्राकृतिक आपदा या बीमारी के मामले में, उसके उत्तराधिकारी इस बीमा राशि का दावा कर सकते हैं। पहले यह रकम ६ लाख थी... पिछले साल २०२० मे बढाकर ७ लाख कर दी गयी है | वेतन सीमा के आधार पर कार्यालय से न्यूनतम 2.30 से अधिकतम 7 लाख तक प्राप्त किया जा सकता है।
उसके लिए बीमा कंपनी को मृत्यु प्रमाण पत्र, वारिस प्रमाण पत्र और बैंक विवरण प्रदान करने की आवश्यकता होती है। कोरोना से मृत्यु होने पर भी वारिस इस राशि के लिए दावा कर सकते हैं।
यदि कोई उत्तराधिकारी नहीं है, तो कोई भी कानूनी रिश्तेदार इस राशि के लिए दावा कर सकता है।
वर्तमान में कर्मचारी के वेतन का 12% उसके पीएफ खाते में जमा किया जाता है।
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